Mahamritunjay Mantra 108times(の紹介
マハムリチュンジャヤマントラは、ヤユルヴェーダのリグヴェーダにあります。サンスクリット語で、マハムリチュンジャヤは死を征服しようとしている人を指します。したがって、マハムリチュンジャヤのマントラはシヴァ神を称賛するために唱えられます。それを唱えることによって、あなたは世界のすべてのトラブルから自由を得ます。このマントラは命を与えるものです。これにより、伝記力とポジティブさが向上します。マハムリチュンジャヤマントラの効果により、あらゆる種類の恐れと緊張が取り除かれます。
इसएप्लीकेशनमेंआपकोलगभग45मिनटका108बारकियाहुआजापमिलेगा。 इसेआपकहींभीसुनसकतेहैं。 भगवान्शंकरकेइसमंत्रकासहीउच्चारणहोनाआवश्यकहै。 आपइसएप्लीकेशनकेमाध्यमसेउच्चारणकरनाभीसीखजायेंगे。 भगवान्शिवआपऔरआपकेपरिवारपरकृपाबनायेरखें。
महामृत्युंजयमंत्रकाउल्लेखऋग्वेदसेलेकरयजुर्वेदतकमेंमिलताहै。 संस्कृतमेंमहामृत्युंजयउसव्यक्तिकोकहतेहैंजोमृत्युकोजीतनेवालाहो。 इसलिएभगवानशिवकीस्तुतिकेलिएमहामृत्युंजयमंत्रकाजपकियाजाताहै。 इसकेजपसेसंसारकेसभीकष्टसेमुक्तिमिलतीहैं。 येमंत्रजीवनदेनेवालाहै。 इससेजीवनीशक्तितोबढ़तीहीहैसाथहीसकारात्मकताबढ़तीहै。 महामृत्युंजयमंत्रकेप्रभावसेहरतरहकाडरऔरतनावखत्महोजाताहै。
महामृत्युंजयमंत्र
हौंजूंस:ॐभूर्भुव:स्व:ॐत्र्यम्बकंयजामहेसुगन्धिंपुष्टिवर्धनम्उर्वारुकमिवबन्धनान्मृत्योर्मुक्षीयमामृतात्ॐस्व:भुव:भू:ॐस:जूंहौंॐ !!
महामृत्युंजयमंत्रकाअर्थ
त्रयंबकम-त्रि.नेत्रोंवाला;कर्मकारक。
यजामहे-हमपूजतेहैं、सम्मानकरतेहैं。 हमारेश्रद्देय。
सुगंधिम-मीठीमहकवाला、सुगंधित。
पुष्टि-एकसुपोषितस्थिति、फलनेवालाव्यक्ति。 जीवनकीपरिपूर्णता
वर्धनम-वहजोपोषणकरताहै、शक्तिदेताहै。
उर्वारुक-ककड़ी。
इवत्र-जैसे、इसतरह。
बंधनात्र-वास्तवमेंसमाप्तिसेअधिकलंबीहै。
मृत्यु-मृत्युसे
मुक्षिया、हमेंस्वतंत्रकरें、करेंदें。
मात्रन
अमृतात-अमरता、मोक्ष。
***हरहरमहादेव***
इसएप्लीकेशनमेंआपकोलगभग45मिनटका108बारकियाहुआजापमिलेगा。 इसेआपकहींभीसुनसकतेहैं。 भगवान्शंकरकेइसमंत्रकासहीउच्चारणहोनाआवश्यकहै。 आपइसएप्लीकेशनकेमाध्यमसेउच्चारणकरनाभीसीखजायेंगे。 भगवान्शिवआपऔरआपकेपरिवारपरकृपाबनायेरखें。
महामृत्युंजयमंत्रकाउल्लेखऋग्वेदसेलेकरयजुर्वेदतकमेंमिलताहै。 संस्कृतमेंमहामृत्युंजयउसव्यक्तिकोकहतेहैंजोमृत्युकोजीतनेवालाहो。 इसलिएभगवानशिवकीस्तुतिकेलिएमहामृत्युंजयमंत्रकाजपकियाजाताहै。 इसकेजपसेसंसारकेसभीकष्टसेमुक्तिमिलतीहैं。 येमंत्रजीवनदेनेवालाहै。 इससेजीवनीशक्तितोबढ़तीहीहैसाथहीसकारात्मकताबढ़तीहै。 महामृत्युंजयमंत्रकेप्रभावसेहरतरहकाडरऔरतनावखत्महोजाताहै。
महामृत्युंजयमंत्र
हौंजूंस:ॐभूर्भुव:स्व:ॐत्र्यम्बकंयजामहेसुगन्धिंपुष्टिवर्धनम्उर्वारुकमिवबन्धनान्मृत्योर्मुक्षीयमामृतात्ॐस्व:भुव:भू:ॐस:जूंहौंॐ !!
महामृत्युंजयमंत्रकाअर्थ
त्रयंबकम-त्रि.नेत्रोंवाला;कर्मकारक。
यजामहे-हमपूजतेहैं、सम्मानकरतेहैं。 हमारेश्रद्देय。
सुगंधिम-मीठीमहकवाला、सुगंधित。
पुष्टि-एकसुपोषितस्थिति、फलनेवालाव्यक्ति。 जीवनकीपरिपूर्णता
वर्धनम-वहजोपोषणकरताहै、शक्तिदेताहै。
उर्वारुक-ककड़ी。
इवत्र-जैसे、इसतरह。
बंधनात्र-वास्तवमेंसमाप्तिसेअधिकलंबीहै。
मृत्यु-मृत्युसे
मुक्षिया、हमेंस्वतंत्रकरें、करेंदें。
मात्रन
अमृतात-अमरता、मोक्ष。
***हरहरमहादेव***
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